21 फरबरी को दिल्ली में हुए अंतरराष्ट्रिय मातृभाषा दिवस पर डोगरी भाषा का प्रतिनिधित्व करते हुए डोगरी भाषा के युवा कवि रोशन बराल ने सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया, उन्होने एक से बढ़कर एक तीन कविताएं पढ़कर काफी वाह वाही लूटी, ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही पंजाबी भाषा की साहित्यकार डा. वनीता ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा देश भर से आए सभी साहित्यकार अच्छा लिख रहे हैं लेकिन रोशन बराल की डोगरी कविता मंदिर ने मुझे बहूत ही अधिक प्रभावित किया इससे लगता है कि देश की वाकि भाषाओं की तरह डोगरी भाषा साहित्य का भविष्य भी उज्जवल है ।
सनद रहे कि रोशन बराल उभरते युवा कवि हैं और हाल ही में इन्हें सर्व भाषा नई दिल्ली की तरफ से स्वामी ब्रह्मानंद तीर्थ सम्मान से भी नवाजा गया। पेशे से अध्यापक यह राजकीय सीनियर सकैंडरी स्कूल ज्यौड़ियां में डोगरी विषय पढ़ा रहे हैं ।