

जम्मू/भोपाल :- श्रीकैलख ज्योतिष एवं वैदिक ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री की ओर से कुछ दिन पहले ही ‘धर्मस्थली’ नामक पुस्तक का संपादन एवं प्रकाशन किया गया है। जिस में जम्मू कश्मीर के प्राचीन मंदिरों का इतिहास प्रकाशित किया गया है।जिसका विमोचन कुछ दिन पहले ही जम्मू कश्मीर के महामहिम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया था। वही शुक्रवार को ट्रस्ट के सचिव राकेश गंडोत्रा एवं ट्रस्ट के सदस्य डॉ कपिल भार्गव ने यह पुस्तक मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भेंट की। इस दौरान डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी ‘धर्मस्थली’ नामक पुस्तक,उन्होंने महंत रोहित शास्त्री को इसके सफल प्रकाशन पर शुभकामनाएं दी। महंत रोहित शास्त्री का कहना है कि जम्मू मंदिरों के शहर के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध है | देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से प्रत्येक वर्ष लाखों पर्यटक राज्य में पहुंचते हैं, जो कि श्रीमाता वैष्णो देवी के दरबार में माथा टेकने के साथ कश्मीर की वादियों का आनंद उठाकर वापस लौट जाते हैं। राज्य सरकार द्वारा पर्यटकों को लुभाने के लिए कश्मीर की वादियों के साथ कटड़ा तक आने के लिए पर्यटन मानचित्र पर स्थान दर्शाए गए हैं | वही जम्मू कश्मीर में अन्य और भी जम्मू कश्मीर के प्रसिद्ध मंदिर हैं। यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इसके बावजूद आज तक इन मंदिरों को विश्व पर्यटन से नहीं जोड़ा गया है। जिस कारण यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अगर सरकार जम्मू कश्मीर के सभी प्रचीन मंदिरों को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाती है तो मंदिरों एवं क्षेत्र का विकास भी होगा। पर्यटक भी अक्सर ऐसे स्थान पर जाने की इच्छा रखते हैं जहां वाहन से उतरते ही किसी मनमोहक स्थल पर पहुंचा जा सके और सुंदर नजारों का आनंद उठाया जा सके या फिर धार्मिक स्थल के इतिहास से रूबरू हुआ जा सके | तथा ऐसे प्रयासों से प्रदेश में विलुप्त हुए संस्कृत धर्म -दर्शन की पुनर्प्रतिष्ठा सम्भव हो पाएगी | मंदिरों का पर्यटन मानचित्र पर आने से पर्यटक धार्मिक स्थलों के इतिहास से रूबरू होंगे,धार्मिक स्थलों का विकास होगा, लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।