Warning: sprintf(): Too few arguments in /home/kuldevscc/public_html/jknewsupdates.com/wp-content/themes/default-mag/assets/libraries/breadcrumb-trail/inc/breadcrumbs.php on line 254

नवरात्र पर्व के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है :- ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री

जम्मू कश्मीर :- नवरात्र पर्व के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस विषय में ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि साधक इस दिन अपने मन को माँ के चरणों में लगाते हैं। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी यानी आचरण करने वाली। इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली। इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएँ हाथ में कमण्डल रहता है।

पूजन विधि

नवरात्र के दूसरे दिन सुबह शुद्ध जल से स्नान कर भक्त मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए उनका चित्र या मूर्ति पूजा के स्थान पर चौकी पर स्थापित करें। उस पर फूल चढ़ाएं दीपक जलाएं और नैवेद्य अर्पण करें। इसके बाद मां दुर्गा की कहानी पढ़ें और नीचे लिखे इस मंत्र का 108 बार जप करें।

ब्रह्मचारिणी की मंत्र :-

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

मां ब्रह्मचारिणी को पसंद है ये भोग:-

देवी मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल बेहद पसंद है और इसलिए इनकी पूजा के दौरान इन्हीं फूलों को देवी मां के चरणों में अर्पित करें।

देवी ब्रह्मचारिणी कथा:-

माता ब्रह्मचारिणी हिमालय और मैना की पुत्री हैं,इन्होंने देवर्षि नारद जी के कहने पर भगवान शंकर की ऐसी कठोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने इन्हें मनोवांछित वरदान दिया,जिसके फलस्वरूप यह देवी भगवान भोले नाथ की वामिनी अर्थात पत्नी बनी जो व्यक्ति अध्यात्म और आत्मिक आनंद की कामना रखते हैं उन्हें इस देवी की पूजा से सहज यह सब प्राप्त होता है,देवी का दूसरा स्वरूप योग साधक को साधना के केन्द्र के उस सूक्ष्मतम अंश से साक्षात्कार करा देता है जिसके पश्चात व्यक्ति की
इन्द्रियां अपने नियंत्रण में रहती है और साधक मोक्ष का भागी बनता है,इस देवी की प्रतिमा की पंचोपचार सहित पूजा करके जो साधक स्वाधिष्ठान चक्र में मन को स्थापित करता है उसकी साधना सफल हो जाती है और व्यक्ति की कुण्डलनी शक्ति जागृत हो जाती है, जो व्यक्ति भक्ति भाव एवं श्रद्धापूर्वक पूजा के दूसरे दिन मॉ ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं उन्हें सुख, आरोग्य की प्राप्ति होती है और मन प्रसन्न रहता है, उसे किसी प्रकार का भय नहीं सताता है।

Editor JK News Updates

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

श्रीमत्स्य जयंती 24 मार्च शुक्रवार को मनाई जाएगी :- महंत रोहित शास्त्री।

Fri Mar 24 , 2023
जम्मू कश्मीर : श्रीमत्स्य जयंती चैत्र माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस विषय में महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया इस वर्ष सन् 2023 ई.24 मार्च शुक्रवार को मनाई जाएगी। श्रीमत्स्य जयंती मनाई जाएगी,श्रीमत्स्य पूजन से आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है,पारिवारिक संकट दूर होते […]

Breaking News

About Us

Logo
We love WordPress and we are here to provide you with professional looking WordPress themes so that you can take your website one step ahead. We focus on simplicity, elegant design and clean code.
%d bloggers like this: