
जम्मू कश्मीर : श्रीमत्स्य जयंती चैत्र माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस विषय में महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया इस वर्ष सन् 2023 ई.24 मार्च शुक्रवार को मनाई जाएगी। श्रीमत्स्य जयंती मनाई जाएगी,श्रीमत्स्य पूजन से आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है,पारिवारिक संकट दूर होते हैं,व मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है श्रीमत्स्य जयंती अथवा प्रतिदिन गेहूं के दाने एवं गूंथे हुआ आटा मछलियों को डालें से लाभ होता है,यदि आपकी कुंडली में कोई दोष या ग्रह बाधा हो तो यह उपाय काफी कारगर सिद्ध होता है। मछलियों को खाना खिलाना बहुत शुभ कर्म माना जाता है। इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु जी ने चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन पहला श्रीमत्स्य अवतार लिया था, इससे मछलियों का महत्व काफी अधिक बढ़ जाता है। इसके अलावा सभी देवी-देवताओं और ग्रहों की कृपा प्राप्ति के लिए भी यह श्रेष्ठ उपाय है। प्रतिदिन मछलियों को आटे की छोटी-छोटी गोलियां खिलाने पर मन को असीम शांति की प्राप्ति होती है। हमेशा खुश और शांत रहने के लिए भी यह उपाय करना चाहिए।
पूजन विधि: इस दिन सबसे पहले सुबह ब्रहम मुहूर्त में उठकर शुद्घ जल से स्नान करें,इसके बाद घर के पूजा के कमरे या किसी पवित्र स्थान को स्वच्छ करें फिर उस स्थान पर गंगा जल या गोमूत्र से शुद्धिकरण करें,एक साफ चौकी पर कलश रख कर उस में सप्तमृतिका यानी सात प्रकार की मिट्टी, सुपारी, मुद्रा सादर भेट किया जाता है और पंच प्रकार के पल्लव से कलश को सुशोभित किया जाता है, कलश में शुद्ध जल भरकर उस पर नारियल रखकर कलश स्थापना करें।इस कलश के नीचे सात प्रकार के अनाज और जौ बोये जाते हैं।
उसी चौकी पर श्रीगणेश,भगवान विष्णु एवं मत्स्य प्रतिमा, वरुण, नवग्रह, षोडश मातृका , सप्त घृत मातृका स्थापना करें। इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक मंत्रों से भगवान विष्णु एवं मत्स्य प्रतिमा का षोडशोपचार से पूजा करें। इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अर्धय, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।
मंत्र जप :-
इस मंत्र: ॐ मत्स्याय मनुपालकाय नमः।। विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। या ॐ मत्स्यरूपाय नमः॥ इस मंत्र का जाप करें।