
जम्मू कश्मीर : इस वर्ष का पहला उपच्छाया चंद्रग्रहण 5 मई शुक्रवार बुद्ध पूर्णिमा पर लगने या रहा है। इस
उपच्छाया चंद्रग्रहण के विषय में महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य ने बताया यह उपच्छाया चंद्रग्रहण भारत में आरंभ से लेकर समाप्ति तक देखा जा सकेगा। सनातन धर्म, ज्योतिष शास्त्र एवं हमारे धर्मशास्त्रकारों ने इस तरह के उपच्छाया में चंद्र बिम्ब पर मालिन्य मात्र छाया आने के कारण इसे ग्रहण कोटि में नहीं रखा। इसके लिए ग्रहण संबंधित बातों जैसे गर्भवती महिलाओं को, सूतक, स्नान, दान, जप, तप, माहात्म्य का कोई विचार नहीं होगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद नहीं होंगे एवं इसका आपकी राशियों पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
यह उपच्छाया चंद्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार 5 मई को रात्रि 08 बजकर 44 मिनट से शुरू होगा जो देर मध्य रात्रि 01 बजकर 02 मिनट पर खत्म हो जाएगा। इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 18 मिनट की होगी।
क्या होता है उपच्छाया ?
उपच्छाया चंद्रग्रहण: उपच्छाया चंद्रग्रहण ग्रहण वास्तव में चंद्रग्रहण नहीं होता। कई बार पूर्णिमा पर चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है। चंद्रमा उपच्छाया में प्रवेश करके उपच्छाया शंकु से ही बाहर निकल जाता है और भूभा में प्रवेश नहीं करता है। इसलिए उपच्छाया के समय चंद्रमा का बिंब केवल कुछ समय के लिए धुंधला पड़ता है। इस धुंधलेपन को सामान्य रूप से देखा नहीं जा सकता है। इसलिए चंद्र मालिन्य मात्र होने की वजह से ही इसे उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं ना कि चंद्रग्रहण।
कहां-कहां दिखेगा उपच्छाया चंद्र ग्रहण: भारत के अलावा दक्षिणी – पूर्वी यूरोप,( इंग्लैंड, आयरलैंड, नार्वे स्वीडन के के उत्तरी क्षेत्रों को छोड़कर) , एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में दिखाई देगा।
दिवा एवं रात्रि बुद्ध पूर्णिमा व्रत 05 मई शुक्रवार को है। इस दिन तप, दान, पुण्य, व्रत आदि कर सकते हैं।
महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) अध्यक्ष श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट (पंजीकृत) संपर्कसूत्र :-9858293195,7006711011,9796293195